#जाधव
पाकिस्तान की जेल में बंद पति से मिलने की आशा में मिसेज जाधव ने अपनी सासू माँ के साथ आखिर कार पाकिस्तान के उस मुलाकात कक्ष के अंदर धड़कते दिल से कदम रखा।इस उम्मीद से ,इस सपने से कि पति के ह्रदय पर सिर रखकर उन्हें मजबूती प्रदान करेगी,उनके ह्रदय में आशा का संचार करेगी कि आप शीघ्र ही अपने घर आओगे। माँ भी बेटे को गले से लगाने के लिए आतुर...लेकिन ये क्या ? सामने का दृश्य देखकर सास-बहू ने कस कर एक-दूसरे का हाथ थाम लिया।
माँ को बेटा दिखा,पत्नी को पति, लेकिन बीच में काँच की दीवार दोनों फूट-फूट कर रोना चाहती थीं लेकिन नहीं रो पाई वो नहीं चाहती थीं कि जाधव उनको देख कर दुखी हो।
कुलभूषण भी माँ और पत्नी को देखकर खुश होने का प्रयास करते हैं...पर सन्न हो जाता है,पत्नी का सूना माथा,खाली माँग,मंगलसूत्र रहित गला देखकर और तो और नंगे पैर। माँ का ह्रदय में बेटे को गले से लगाने के लिए स्नेह और ममता का सागर हिलोरे ले रहा था,वहीं बेटा भी माँ के आँचल में छुप कर पीड़ा और दर्द को छुपाना चाहता था। लेकिन तीनों ही सुन्न हैं ,तीनो ही एक-दूसरे से अपनी पीड़ा, अपना दर्द छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं,एक-दूसरे को देख कर आँखों अतृप्त हैं, कुछ देर और एक साथ रहना चाहते हैं ये..किन्तु मानवीय संवेदनाओं को ना समझने वाले उस देश के पहरेदारों ने मुलाक़ात की अवधि समाप्त बता कर उन्हें मुलाक़ात कक्ष..सच कहें तो उस कोठरी से बाहर भेज दिया,दूसरी तरफ मुँह करते ही सास-बहु की आँखों से अश्रुधार छलक उठी,दूसरी तरफ कुलभूषण भी आँसू ना रोक पाये..और उम्मीद भरी दृष्टि से उन्हें जाते देखते रहे।किन्तु मृत मानवीयता वाले उस देश की अहंकारी सरकार और मीडिया ने उनकी इस हालत पर बेशर्मी पूर्वक अट्टहास लगाया।
#सुनीता बिश्नोलिया
#जयपुर
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