#बेकली
बेकली में सनम क्या से क्या हो गए,
मेरी नजरों में तुम बेवफा हो गए।
बड़ी बैचैनी में रात काटी थी हमने,
मेरी आँखों के सपने कहाँ खो गए।
तेरी यादों को दिल में बसाया तो था,
तुम ही क्यों इतने पराये हो गए।
चैन मेरा तुम्ही थे मैं कहती रही हूँ,
चैन मेरा क्यों तुम फिर कहो गए।
मैं इतनी हूँ तनहा कैसा असर ये हुआ है,
बेकली का ये आलम तुम क्या हो गए।
#सुनीता बिश्नोलिया
#जयपुर
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