#पानी (हाइकु)
छोटी कहानी
नत हो निरंतर
बहता पानी
जीवन दाता
जल मन भरता,
देह निर्माता
सूखा आँगन
है बिन जल सूना
जल से गूँजे।
रूठे मनावै
दृग जल बरसे
आस जगावे
नदिया पानी
मन प्यास बुझावै
यही डुबोये
शीतल पानी
बहता पल-पल
चंचल जल
ठंडा सा सोता
निर्मल सा निर्झर
जल भण्डार
प्यारे से पल
नयनों का निर्झर
होता सजल
चंचल नदी
बहती अविरल
जल से भरी।
पानी की काया
पंच तत्व समाया
पानी की माया
#स्वरचित
#सुनीता बिश्नोलिया
#जयपुर
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