मनहर घनाक्षरी
#विज्ञान
8,8,8,7 पर यति
31 वर्ण, अंत गुरु
एक कोशिश....
हर पथ पर बढ़ा,
विज्ञान रथ पे चढ़ा
मनुज आगे है बढ़ा,
बिज्ञान भाग्य लिखे।
सीधा बड़ा मनुष्य है
सुलझा रहा रहस्य है,
सच्चे साथी सदृश्य है,
विज्ञान ज्ञान सीखें।
अनूप रूप शक्ति सा,
है ठंडी छाँव धूप सा।
रोद्र शिव स्वरूप सा,
अद्भुत ज्ञान देखें।
धार ज्यों तलवार है,
तेज ज्यों तलवार है।
ये उन्नति का द्वार है,
विशिष्ट ज्ञान सीखें।
#सुनीता बिश्नोलिया
#जयपुर
पाठ्यपुस्तक नई 'आशाएँ '- सूरमा(कविता) - रामधारी सिंह 'दिनकर ' सूरमा - रामधारी सिंह 'दिनकर' सच है विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है | सूरमा नहीं विचलत होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते | विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं | मुँह से कभी ना उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं | जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग- निरत नित रहते हैं | शूलों का मूल नसाने हैं , बढ़ खुद विपत्ति पर छाते हैं | है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके आदमी के मग में? खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पाँव उखड़ | मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है | गुण बड़े एक से एक प्रखर, हैं छिपे मानवों के भीतर मेहंदी में जैसे लाली हो, वर्तिका बीच उजियाली हो | बत्ती जो नहीं जलाता है, रोशनी नहीं वह पाता है | कवि परिचय - #रामधारी सिंह 'दिनकर '-- हिंदी के प्रमुख कवि लेखक और निबंधकार थे। उनका जन्म 1908 में बिहार राज्य के बेगुसराय जिले में सिमर
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