तम का करती नाश ये, हृदय जलावे जोत।
राहों को रोशन करे, नन्हा सा खद्योत।।
सच ही तो हैं किताबें जुगनू की ही तरह अज्ञान रूपी अंधियारे मार्ग में टिमटिमाकर भटकों को राह दिखाती हैं। मेरे अनुसार किताबों का सतरंगी संसार... सतरंगी इसलिए कि नीले आकाश से लेकर माँ धरती और प्रकृति के विविध रंग सिमटे हैं, सफेद धरातल पर लिखे काले आखरों में ।किताबें उस अनंत तक पहुँचने का वो जादुई द्वार है जहाँ से प्रवेश कर हमारी हर जिज्ञासा को शांत ही नहीं करती वरन हर उत्तर प्राप्त कर,नवीन रहस्यों को भी उद्घाटित करती हैं। किताबें तो वो जादुई चिराग हैं जिन्हें ज्ञान प्राप्ति हेतु घिसने भर की देर है।
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