स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
शहादत का रंग बसंती
खुनक राख की गर्मी आज भी है हवाओं में
शहादत का रंग बसंती आज भी है घटाओं में।
खुद को गाफिल न समझ ऐ! नौजवां देश के
तू बसा हर शख्स की आज भी है दुआओं में।
वतन पे टूटते जुल्मों को सहा अपने बदन पे
आसीरी के दिए निशां आज भी हैं दिशाओं में।
'सुनीति' हिम्मत से तेरी वतन से भागा फिरंगी
जज्बे के तराने गूंजते आज भी हैं फिजाओं में।।
#सुनीता बिश्नोलिया©
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