#उगता सूरज ले आशा का संसार सुनहरा, दिनकर ने कर फैलाए, नव जीवन पा करते कलरव ,नभचर भी हैं हर्षाए। उम्मीदों की रश्मि रवि ने, कण-कण पर बरसाई, पाकर स्वर्णिम सूर्य किरण,वसुधा ने ली अंगड़ाई। संदेश विजय का दे सूरज,जन-जन में जीवन भरता, अंधकार को हर 'दिनेश' , सिंदूरी पताका लहराता। अलसाई सी वो उषा भी,खिल उठी परस पा सूरज का खिल उठे पुष्प उपवन के,धड़का दिल भी कलियों का। बाँहे पसार खुशियाँ बरसाता, राहें भी नई दिखाता, आया ले प्रचण्ड तेज, जनमानस में साहस भरता। उदित होते भानु की किरणें, हरदम हमें जगाएँगी, ह्रदय चीर बाधा का बढ़ तू, बाधाएँ खुद ही हट जाएँगी। #सुनीता बिश्नोलिया #जयपुर
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia