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आंचलिक यात्रा #प्रगतिशील लेखक संघ #राजस्थान #मेहदी हसन के गांव # लूणा#झुंझुनूं

#राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष #कन्यादान कविता के कवि आदरणीय #ऋतुराज जी  राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव प्रसिद्ध  उपन्यास #रिनाला खुर्द के लेखक ईश मधु तलवार, चर्चित नाटक #सीता लीला के रचयिता #प्रेमचंद गांधी, #जी. सी बागड़ी जी के सान्निध्य में  #प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा आयोजित दो दिवसीय (14-15 दिसंबर) #आंचलिक यात्रा के अंतर्गत   दिनांक 14/12/2019 #मेहंदी हसन की याद में #श्री जगदीशप्रसाद झाबरमल टिबड़ेवाला युनिवर्सिटी (Shri Jagdishprasad Jhabarmal Tibrewala University- (#JJT University)#Jhunjhunu में  शानदार ग़ज़ल एवं साहित्य संध्या आयोजित की गई।  सर्दी के तीखे तेवर के बीच श्रोताओं में ग़ज़ब का उत्साह और #युनिवर्सिटी के सहयोग से झुंझुनूं प्रलेस के अध्यक्ष #राजेंद्र कसवा जी द्वारा  साहित्यकारों हेतु शानदार व्यवस्था की गई। तलवार सर पर तो वैसे ही मेहदी हसन की ग़ज़लों  की अमिट छाप दिखाई देती है आज ग़ज़ल कार्यक्रम के मध्य उन्हीं ग़ज़लों का का जादू उनके सिर चढ़ कर बोलने लगा और उन्होंने 'जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं ' सुनाकर श्रोताओं की आनंदित किया।  हम

#नमन प्रियंका रेड्डी.... #माँ मैं तेरी सोनचिरैया

      माँ मैं तेरी सोनचिरैया  माँ मैं तेरी सोनचिरैया बनके हवा अब आऊंँगी,  माँ मैं तेरी सोनचिरैया बनके हवा अब आऊँगी,  रो लेना माँ जी भर कर जब, तेरे गले लग जाऊँगी  तन पे लगे मेरे घावों को माँ,बस तुझको दिखलाऊँगी,  माँ मैं तेरी सोनचिरैया, बनके हवा अब आऊँगी।  हंसों के माँ भेष में कागा,होंगे था अहसास नहीं,  मस्त मगन में उड़ती थी,था खतरे का आभास नहीं,  माँ तेरी हर सीख याद थी, मैं कुछ भी ना भूली थी देख दुष्ट गीदड़ इतने माँ, कुछ पल सांसें फूली थी।           नहीं डरी मैं खूब लड़ी माँ, ना हथियार गिराए थे         देख मेरा माँ साहस इतना,वो मुझसे घबराए थे।        माँ तेरी ये चंचल चिड़िया,फिर उड़ने को तैयार हुई       गिद्धों ने ऐसा जकड़ा माँ, बिटिया तेरी लाचार हुई।   पाँख-पाँख तोड़ा मेरा, मैं उड़ने से मजबूर हुई,   धरती पर मैं गिरी तभी, थककर जब मैं चूर हुई,।   माफ़ नहीं करना माँ उनको, इतना मुझको तड़पाया था पशु से भी थे निम्न वो माँ, जिंदा ही मुझे जलाया था।  नहीं छिपाना नाम मेरा मां सत्य सामने आने देना,   किस दर्द से गुजरी थी माँ मैं,दुनिया को बदलाने देना।       बहन मेरी दुनिया दुष्टों से, भरी हुई यह स