हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं शब्दों की सरिता बहे, बोले मीठे बोल। हिंदी भाषा है रही कानों में रस घोल।। पश्चिम के तूफान में, नहीं पड़ी कमजोर। हिंदी शब्दों की लहर,करती रही हिलोर। सोने सी महँगी बड़ी, हीरे सी अनमोल इसे चुरा पाए नहीं, भारत आए चोर।। सरस शब्द ही जान है, इनसे है पहचान। हिंदी की गाथा सकल, गाता सदा जहान। नव सृजन, नव गीत और, दोहा, रोला,छंद रस की गागर अंक भर,गाती मीठे गान।। शब्द- शब्द सम्मान है, होते गहरे अर्थ। थोड़े में ज्यादा कहें, नहीं बहाओ व्यर्थ । आँचल में इसके कई, भाषा करें किलोल हिंदी भाषा हिन्द की, सच में बहुत समर्थ।। सुनीता बिश्नोलिया © ® जयपुर
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