उपन्यास (गोमती भाभी) लेखक - श्याम जांगिड़ श्याम जांगिड़ जी द्वारा लिखित उपन्यास 'गोमती भाभी' पढ़तां आ बात पक्की हुयगी कै रिस्तां में छळ-कपट कोई नई बात कोनी। मिनख रै जलम रै साथै ई आं रो जलम भी होय जावै। गोमती भाभी उपन्यास मांय सास-बहु रै माध्यम सूं एक तरफ दो महिलावां रै संघर्ष री मार्मिक कहाणी कई गई है। दूसरी तरफ 'सिंगल पेरेंट' रो ढोल पीट्यां बिना आपरा टाबरां नै पाळती भावुक अर शक्तिशाली माँ ने दिखाई है। एक तरफ जठै विधवा सास आपरै ई परिवार सूं ई ठगी जा रई है पण शांति, संतोष एवं रिस्तां नै बचावण खातर आपरी संपत्ति रो हक भी त्यागण तांई त्यार है। आत्मविश्वास अर कड़ी मेहनत रै बळ माथै इण घर री जिम्मेदारी रै साथै टाबरां रो पाळण-पोसण अर पढाई-लिखाई अर ब्याव भी करया। माँ रै त्याग नै भूल'र बेटो पढ लिख'र सहर में ई बसग्यो। पण माँ रो काळजो आपरै बेटा री तरक्की देख'र दूर सूं ई आसीस लुटावण लागै। बेटा रै दूसरै ब्याव री बात सुण'र माँ बहु रै साथै खड़ी दीखै। कच्ची उम्र में ब्याह कर आई गोमती अनपढ होणै रै कारण प्रोफेसर पति नै कदे
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