#शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं शिव को ढूंढो अंतर में साक्षी स्वयं शिव है प्रलय का,वो ही प्रलय में रखवाला। चंद्र-गंगे शीश पर हाथों में डमरू, सर्प माला तन पे सोहे बाघ अंबर,कैलाश रहता शिव हमारा। रखना मन में ऐसे शिव को, खुद मन तेरा होगा शिवाला। सुनीता बिश्नोलिया
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia