#सावित्रीबाई फुले महिला शिक्षा की अलख जगाने वाली नारी सशक्तिकरण एवं नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता, महान समाज-सुधारिका तथा देश की प्रथम महिला शिक्षिका, कवयित्री, शिक्षा और समानता की प्रबल समर्थक सावित्रीबाई फुले की जयंती पर शत्-शत् नमन! अंधियारे की रात कठिन घनघोर घटाएँ अंबर पर कैसे ढले रात ये काली भारी चिंता मस्तक पर। सोच उसकी बड़ी थी ज्योति मन में जली थी अंधेरी रात में उसको लानी खुद ही दिवाली थी ढलेगी रात ये काली, छँटेगा ये अंधेरा खुद पे इतना भरोसा था लाई वो खुद सवेरा। बहुत मंज़िल कठिन थी मगर वो भी अटल थी अशिक्षा के सघन तम में जोत उसको जलानी थी मन का डर छोड़कर पीछे कलम का ले सहारा बनी वो शिक्षिका करके रुढियों से किनारा। भेद ना देख सकती थी सभी को सम समझती थी मिटाने भेद मध्य का वो आगे बढ़ गई थी। दुखी बीमार की माँ बन देती सबको सहारा खुद पे इतना भरोसा था लाई वो खुद सवेरा। नारी शिक्षा के सूरज को धरती पर उतारा।। सुनीता बिश्नोलिया
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia