गांधी जयंती बापू को शत शत नमन 🙏🙏 गाँधी का सपना भारत हो, शिक्षित, स्वच्छ, समर्थ, सम नर -नारी हों और समझें, हम धर्मों का अर्थ । मीठे वचनों का जल बरसे भीगे हर इक मन त्यागें कटु वचन हर जन और, गाएं हरी भजन । राह झूठ की छोडें मानव मन सत्य हो ज्यों दर्पण पर सेवा पर उपकार करें, कर तन-मन, धन अर्पण । द्वेष, दंभ, मन से निकले, हो ह्रदय प्रेम संचार, घृणा, क्रोध के भाव न जागें, बहे शांति की मधुर बयार । सदकर्मों की ज्योति से हो, जगमग भारत देश हाथों पर विश्वास स्वयं के बदल तू खुद परिवेश । स्कूल हुए गुलजार सुनीता बिश्नोलिया
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia