नन्हें राम देख अठखेलियाँ रामा की खुश होती कौशल्या माँ उनका गिरना,उनका उठना देखकर मुस्कुराती माँ राम राम नाम रट ले तू मनवा अविराम बड़े हैं भाग मेरे जो प्रभु प्रभु इस रूप में आए रूप उनका सलोना ये आँखों में भर रही है माँ।। सुनीता बिश्नोलिया
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia