#Betu वर्तिका अँधेरे घने होंगे राहों में तेरी, जोत बनकर के जलना ही तो जिंदगी है, गिर गया जो कभी पाने मंज़िल को प्यारे गिरके फिर से संभलना ही तो जिंदगी है, पा खुशियों के मेले, मीतों के रेले, भूल खुद को ना जाना आँखों के तारे, याद रखना उन्हें जिनका न कोई सहारा, सहारा दूजों का बनना ही तो जिंदगी है। सुनीता बिश्नोलिया
लहर
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia