गनेरीवाला तालाब या फतेहपुर बावड़ी पारिवारिक कार्य से कल सीकर जिले के छोटे से शहर या यों कहें शेखावाटी की सांस्कृतिक राजधानी फतेहपुर शेखावाटी जाना हुआ। प्रोजेक्ट के सिलसिले में बहुत से मय से फतेहपुर जाने का विचार था लेकिन नहीं पता था कि इस तरह अचानक वहाँ जाना हैं पड़ेगा। इस आकस्मिक यात्रा में प्रोजेक्ट से संबंधित तो कोई कार्य नहीं किया लेकिन वापसी में नव हाँ की एक दो हवेलियों और तालाब को जरूर देखा। ये पहली बार नहीं था जब मैं इन एतिहासिक स्थलों को देख रही थी। इससे पहले भी इन्हें कई बार देखा है। इस बार इनका स्वरुप पहले से ज्यादा बिगड़ चुका है जिसे देखकर बहुत दुख हुआ। खासकर सीकर-फतेहपुर रोड़ पर स्थित गनेरीवाला तालाब या फतेहपुर बावड़ी। जिसे सामान्य बोल-चाल में यहाँ के लोग जोहड़ कहते हैं। कैर, खींप, कीकर के वृक्षों से घिरा चार प्रवेश द्वारों वाली सुंदर और सरल वास्तुकला का उदाहरण गनेरीवाला तालाब। शायद कभी इस स्थान का उपयोग सांस्कृतिक गतिविधियों और सामाजिक कार्यों के रूप में किया जाता होगा। ऐतिहासिक स्थलों को देखने में अत्यधिक
लहर
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