#बस एक ख्वाब ज़रा सा है स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ~~~~~~~~ भूलें द्वेष-दंभ को त्यागें,बस छोटी सी आशा है। एक रहे यह भारत अपना,मेरा ख्वाब जरा सा है।। (१) गीत प्रीत के गूंजें हर सू,मधुर रागिनी बजने दो। देश भक्ति के मधुर तरानों,वाली महफिल सजने दो।। भिन्न-भिन्न परिवेश हमारा,भिन्न हमारी भाषा है। एक रहे यह भारत अपना,मेरा ख्वाब जरा सा है।। (२) रंग केसरी की आभा को,इस जग में बिखराने दो। श्वेत रंग सौहार्द सिखाता,जगति को बतलाने दो।। रंग हरा वसुधा का गौरव,भारत की परिभाषा है। एक रहे यह भारत अपना,मेरा ख्वाब जरा सा है।। (३) शिक्षा के आलोक से जग-अँधियार मिटाने दो। बस श्रेष्ठ जगत से हो भारत,कर्मों से दिखाने दो।। वीर सपूतों की ये धरती, करती हमसे आशा है एक रहे यह भारत अपना,मेरा ख्वाब जरा सा है।। (४) जाति - धर्म की तोड़ दीवारें, संग सभी को आने दो। गंगा- जमुना दोनों ही को, गान देश का गाने दो।। पेट भरे हर उस जन का जो, कब से भूखा-प्यासा है। एक रह
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia