सुप्रभात #शुभ सुबह #भोर #good morning हुई सुहानी भोर बटोही बहुत हुआ विश्राम, तेरी मंजिल दूर मुसाफिर अभी कहाँ आराम टेढ़ी मेढ़ी इन राहों में तुझको चलते जाना है, हिम्मत से तू मस्त चलाचल जीवन है संग्राम । लीलटांस आ हँस लें हरि को शीश नवाइए, तज डीजे अभिमान। छोड़ भेद मन से करें, एक ब्रह्म गुणगान ।।
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia