सुप्रभात #good morning
आई फिर से भोर सुहानी, स्वर्णिम से परिधानों में,
किया बसेरा डाली - डाली, खेतों और खलिहानों में
दूर निशा का किया अँधेरा, कण - कण को उजियाला दे,
देख जगत में घोर निराशा, आशा भरती अरमानों में ।।
आई फिर से भोर सुहानी, स्वर्णिम से परिधानों में,
किया बसेरा डाली - डाली, खेतों और खलिहानों में
दूर निशा का किया अँधेरा, कण - कण को उजियाला दे,
देख जगत में घोर निराशा, आशा भरती अरमानों में ।।
सुनीता बिश्नोलिया © ®
सुनीता बिश्नोलिया © ®
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें