सुप्रभात🙏🙏💐💐 पिताजी कहते थे अच्छी और बुरी परिस्थियाँ तो संगिनी होंगी तुम्हारी इसलिए हर परिस्थिति में मुस्कुराना। क्योंकि साथियों के साथ मार्ग में हँसकर ना चलो तो राह मुश्किल होती है इसीलिए विकट परिस्थियों में भी मुस्कुराती हूँ विश्वास का दीप जलाकर अंधेरों को ठेंगा दिखाती हूँ। सुनीता बिश्नोलिया
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia