कहाँ है दादी... कहाँ है नानी...
कैसे याद रहें किस्से और कैसे सहेजकर रखें हम कहानी.....
पहले सब मिलजुल कर रहते थे हर गांव मिलजुल कर बैठे थे,पीपल नीम की ठंडी छांव
लेकिन आज गाँव सिमटने लगे
दादी नानी की कहानी की जगह
मोबाइल बजने लगे
पढ़ाई का बोझ सताता हर रोज
कौन सुनाए किस्से कैसे करें मौज
लेकिन वैशालीनगर, जयपुर स्थित डिफेंस पब्लिक स्कूल में कहानी सुनने और सुनाने की कला अर्थात् छात्रों के अभिव्यक्ति और श्रवण कौशल के विकास के लिए
हर वर्ष की भांति इस बार भी विद्यालय के हिंदी विभाग की तरफ से सुनो कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
चूहागढ़ के चूहे-Vedansh Mathur and Swabhiman
Cute किसान-Manan Arora
छात्रों ने इस प्रतियोगिता में बढ़चढ़कर भाग लेकर एक से एक बढ़िया, रोचक और प्रेरक कहानियाँ सुनाई। दादी की पोटली बस खुलने की देर है
किस्से कहानियां सुनते हुए जाने कब हो जाती सवेर है
कितना क़ीमती और जीवनदाता है पानी
पानी के महत्त्व की आज सुनी एक प्यारी सी कहानी
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