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#worldearthday पृथ्वी_दिवस

#Worldearthday  4 के उपलक्ष में Defence Public Jaipur के छात्रों - Kritarth Sharma, Arjun Sharma, Riddhiman Gajra4j, Ritika Choudhary, Laveena Mathur, Krishnaditya Gaur द्वारा पर्यावरण संरक्षण की सीख देता नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया ग 33 या। नुक्कड़ नाटक   अरे हो जमूरे !    *बोल क्या बात है, क्यों लटका है मुंह।    क्यों माथे पर हाथ है?  पर्यावरण संरक्षण   *सरकार गर्मी पड़ने लगी है भारी    तवे सी तपती धरती सारी।     *हां जमूरे गर्मी से सब हैं बेहाल    तड़पते जन और पक्षियों का है भी बुरा हाल। *. सही कहा सरकार..    भीषण गर्मी में भी लोग कर रहे हैं नादानी           इसी की आज सुनाते हैं  हम कहानी.. 2 स्त्री * अच्छा... तो सुनाओ..    नहीं. नहीं ये पहले दिखाओ   तुम्हारे पिटारे में क्या भरा है   तुम्हारा सौदा झूठा है कि खरा है। * बात तो कहता हूँ खरी सरकार,     लोग कहते हैं देता हूं भाषण  और    करता हूँ बातें बेकार-2 * ऐसी क्या बात है, जरा हम भी तो जाने..    तुम्हारी बातें होती हैं सच्ची, फिर क्यों बेकार कहते हैं सयाने-2 *  क्या कहूं सरकार...      आज सुबह ही तो

राजस्थानी उपन्यास - गोमती भाभी

 उपन्यास (गोमती भाभी) लेखक - श्याम जांगिड़   श्याम जांगिड़ जी द्वारा लिखित उपन्यास 'गोमती भाभी' पढ़तां आ बात पक्की हुयगी कै रिस्तां में छळ-कपट कोई नई बात कोनी। मिनख रै जलम रै साथै ई आं रो जलम भी होय जावै। गोमती भाभी उपन्यास मांय सास-बहु रै माध्यम सूं एक तरफ दो महिलावां रै संघर्ष री मार्मिक कहाणी कई गई है। दूसरी तरफ 'सिंगल पेरेंट' रो ढोल पीट्यां बिना आपरा टाबरां नै पाळती भावुक अर शक्तिशाली माँ ने दिखाई है।      एक तरफ जठै  विधवा सास आपरै ई परिवार सूं ई ठगी जा रई है पण शांति, संतोष एवं रिस्तां नै बचावण  खातर आपरी संपत्ति रो हक भी त्यागण तांई त्यार है। आत्मविश्वास अर कड़ी मेहनत रै बळ माथै इण घर री जिम्मेदारी रै साथै टाबरां रो  पाळण-पोसण अर पढाई-लिखाई अर ब्याव भी करया। माँ रै त्याग नै भूल'र बेटो पढ लिख'र सहर में ई बसग्यो।    पण माँ रो काळजो आपरै बेटा री तरक्की देख'र दूर सूं ई आसीस लुटावण लागै। बेटा रै दूसरै ब्याव री बात सुण'र माँ बहु रै साथै खड़ी दीखै।  कच्ची उम्र में ब्याह कर आई गोमती अनपढ होणै रै कारण प्रोफेसर पति नै कदे

वर्तिका - काव्य संग्रह

वर्तिका (काव्य संग्रह)  युवा कवयित्री सुनीता बिश्नोलिया  के प्रथम काव्य-संग्रह से गुज़रते हुए वही अनुभूति होती है, जो किसी भी कवि के पहले-पहल काव्यांगन में प्रवेश करने पर होती है। अब जब बेसाख्ता सामने आए हुए कदाचारों, दुर्व्यवहारों और अव्यवस्थाओं से गुज़रती है,तो उसे भाषा के नए-नए मुहावरों का संबल लेना होता है।  साथ ही गई के समस्याओं का एकमुश्त दबाव रचनाकार को विकसित कर देता है। ऐसे ही जीवन की स्थिति में छंदों में तोड़फोड़ होना स्वभाविक है सुनीता को परंपराओं से मुंह पर है अतः संग्रह की अधिसंख्य कविताएं छांदोग्य है तथापि उसने चाहे भावुकता से सहित ठेका वस्तु का निर्वाह किया है इस संग्रह में कवियत्री में मौजूदा समाज के अनेक विसंगतियां हुआ है और उनका अपने तंई निदान शोधने की चेष्टा की है।       सुनीता एक अध्यापिका है, अतः स्वभावतः सामाजिक विद्रूपताओं को देखने  का उसका नज़रिया अध्यापकीय है। एक अध्यापक सदैव त्रुटियों पर अंगुली रखता है, ठीक उसी तरह कवयित्री ने हर छोटी- बड़ी विसंगतियों का संज्ञान लिया है।भाषा चाहे अभिध्यात्यक हो गयी हो पर उसे कोई भी कदाचार जह

कहानी संग्रह - जोग लिखी

कुछ टिप्पणियां जो लिखने हेतु प्रोत्साहित करती हैं। बहुत बहुत धन्यवाद मनीषा जी 💐🌼💐🌼 जब आपकी पुस्तक प्रकाशित होकर आई थी तभी मैंने इसे आर्डर कर दिया था ,और पढ़ भी ली थी लेकिन सामान की धरा-उठाई में ये कहीं गुम हो गई थी ।आज फिर से थोड़ी फुर्सत के पल ढूंढे और उनमें कुछ किताबें खोजते हुए "जोग लिखी" भी मिल गयी।          आपकी इस कृति में आपने जितनी सुंदर कहानियों का स्तबक बनाया है वो आपके लेखन की परिपक्वता को दर्शाता है।मुझे व्यक्तिगत रूप से वह लेखन अधिक रुचता है जो शब्दों से नहीं , सहजता से गूंथा जाता है और आपके लेखन की यही सबसे बड़ी ख़ूबी है। "इत्ती सी हँसी इत्ती सी खुशी" से आरम्भ करते हुए आपने सारे भावों से भावविभोर कर दिया । आपके लेखन में जो आंचलिकता का पुट दिखाई देता है वो सच में चार चाँद लगाता है। आपने सही कहा गन्ने का रस ही पैरता रहा आपके भीतर तभी तो इतनी मिठास पकी है जो हम पाठकों को भी मिट्ठा कर देती है। आपको इतनी सुंदर कृति के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ💐💐 Sunita Bishnolia जी।आपकी अगली पुस्तक की प्रतीक्षा रहेगी।🙏

सतरंगी आखर - काव्य संग्रह

Seema Rathore  - सीमा राठौड़ - "सतरंगी आखर" राजस्थानी कविता संग्रह 💐💐🌹🌹 हनुमान जयंती के दिन सखी सीमा राठौड़ 'शैलजा'  राजस्थानी काव्य संग्रह 'सतरंगी आखर' के लोकार्पण में जाने का अवसर मिला।सुरेश कुमार जी द्वारा डिजाइन की गई यह पुस्तक सुंदर चित्रांकन के साथ साहित्य का सुंदर संगम है।    कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री नारायण सिंघ राठौड़  पीथळ, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृतिअकादेमी बीकानेर, अध्यक्ष श्री भवानी सिंघ राठौड़ 'भावुक ' संस्थापक और संपादक ,नुंवो राजस्थान, श्री प्रदीप सिंघ  राजावत, सखी कामना राजावत एवं कर्नल(मानद) पार्वती जांगिड़ सुथार थी। सखी मीनाक्षी पारीक  एवं  सखी मान कंवर एवं मैंने भी अपने विचार साझा किए।  कई दिन हुए किताब  पढ़ नहीं पाई लेकिन कल इस किताब को हाथ में लिया तो खुद को पूरी पढ़ने से रोक नहीं पाई क्योंकि संग्रह की पहली ही कविता कहती हैं -  कविता एक भूख है  ज्यूं चाय री तलब मनड़ै  री कसक  काळजै री टसक भावां री पोटळी अर झूठी प्रीत  टूक-टूक काळजो ऊंडी पीड़...   कवयित्री मायड़ भाषा राजस्थानी की

साहित्य समर्था अलंकरण सम्मान - 2023

साहित्य समर्था त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका द्वारा आयोजित अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता में  प्रथम, विशिष्ट, द्वितीय, तृतीय कहानी के 6 पुरस्कार, 43 श्रेष्ठ कहानियाँ और 7 स्तरीय कहानियों सहित कुल 56 चयनित कहानीकारों का अलंकरण सम्मान 16 अप्रेल,प्रात: 10 बजे से होटल रेडिएन्ट स्टार जयपुर में आयोजित किया गया।  इस वर्ष मेरी कहानी  #कर्तव्यों_की_चूनर'  श्रेष्ठ कहानी  के रूप में पुरस्कृत हुई।  कलम-काग़ज थमा कर वो,बोली शब्दों से खेलो तुम तुम्हारी छोड़कर ऊंगली, शब्द भागें रोकना तुम चलाना सारथी बनकर, गढ़ना सांचे में शब्दों को खोलना गांठ होल से,इनसे फिर जीत जाना तुम।।' लिखने के लिए सदैव प्रेरित करती हैं Neelima Tikku दी। इन्हीं की प्रेरणा से  मेरी पहली कहानी #चीकू_का_बीज  को  "अखिल भारतीय डॉ कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता' में श्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार मिला  थाऔर कहानी लेखन के लिए प्रेरणा भी।      कार्यक्रम में 'स्पंदन महिला साहित्यिक एवं शैक्षणिक संस्थान' जयपुर एवं' साहित्य समर्था त्रैमासिक सा

विश्व_जल_दिवस #worldwaterday2023

विश्व_जल_दिवस #worldwaterday2023  उनका दुःख पहचानिए,तरस रहे इक बूंद। जल को सब रखिये बचा,रहें न आँखें मूंद।। मुक्तक सुनीता बिश्नोलिया Photo #Dainik Bhaskar