#बाल कविता कक्षा में टीचर ने बोला , टेस्ट तुम्हारा कल लूँगी, गर भूल गए पढ़ना कोई, खबर तुम्हारी फिर लूँगी। घर पर चर्चा करी नहीं, मम्मी की भी सुनी नहीं। जबरन माँ ने बस्ता खोला, खेलें आओ बंटू बोला। गोलू भईया खेले खूब पढ़ना तो वो गए थे भूल हुई रात वो थके बिचारे, सो गए देखते सपने प्यारे। स्कूल गए शामत आई, अब टीचर ने क्लास लगाई। जीरो नंबर देख डर गर गए, गोलू जी के तोते उड़ गए। बीमार है माँ गोलू बोला, भण्डार बहानों का खोला, टीचर ने घर पे फोन लगाया उफ्फ.झूठ बोल गोलू पछताया। कभी ना बच्चो बोलो झूठ, माँ -विद्या जाएगी रूठ। जो सच बोले वो मेवा पाए, झूठा हरदम शीश झुकाए। #सुनीता बिश्नोलिया #जयपुर
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia