#युद्ध की बातें करने वालो
युद्ध की बातें करने वालो , घर अपने में रहने वालो ,
सीमा पर जाकर तो देखो , जीवन उनका जीकर देखो .।
अपने घर को छोडा है ,हर मुशकिल का रुख मोडा है ,
देश की आन बचाने को ,अपनों के सपने को पीछे छोड़ा है।
दिन रात खड़े रहते हैं,जो अपने सीनों को ताने,
भारत भू की रक्षा में ,हर सुख को बौना माने।
ओ युद्ध की बातें करने वालो,सुख का जीवन जीने वालो........
युद्ध से हमें बचाने को ,रातों को पहरा देते हैं,
अमन का पाठ पढ़ाते सैनिक,खुद ही पत्थर खाते हैं।
लड़ जाते हो तुम इक दूजे से,हर सुख को ही पा लेने को
सीने पे गोली खाने को, तैयार है ये मर जाने को ।
दुश्मन की नापाक हरकतें ,हम से ज्यादा ये जानें,
आतंकी के हर हाव भाव को वीर हमारे पहचानें।
ओ युद्ध की बातें करने वालो,रातों को सुख से सोने वालो.......
हम इन को क्या फ़र्ज सिखाते,क्यों युद्ध हेतु उकसाते हैं
ये अपनी मर्जी से जाते हैं,दुश्मन को सबक सिखाते हैं।
द्दुश्मन के गलत इरादों को ,बिल्कुल भी सह ना पातेे हैं
पुख्ता इलाज करने को घर से,सिर दुश्मन का ले आते हैं।
युद्ध-युद्ध ना नाम रटो तुम,शांति का आहवान करो तुम ,
युद्ध ना होने पाए,ऐसा कोई उपाय करो तुम।
आतंकी को सजा मिले,सम्मान शहीद हर पाए ,
दुश्मन मुंह की खाए हमसे ,पर युद्ध ना होने पाए ।
ओ युद्ध की बातें......ऊँचे महलों में रहने वालों,...
रण भेरी का जब घोष सुनेगा ,क्या तुम सीमा पर जाओगे,
माँ मांगेगी बलिदान तो क्या,अपना बेटा दे पाओगे?
गर युद्ध आज होगा तो पूरा ,रक्तिम ये अम्बर होगा,
लाशों का ढेर इधर होगा ,उस ओर भी ये मंज़र होगा।
हम नहीं चाहते पूज्य धरा पर,नृत्य करे फिर दानवता,
जीतेगा तो इक देश ही ,लेकिन हारेगी तो मानवता।
तो... युद्ध की बातें करने वालो ,शांति का आह्वान करो तुम,
युद्ध ना होने पाए ,ऎसा कोई उपाय करो तुम।
#सुनीता बिश्नोलिया
,
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें