#हमारा राजस्थान
आज क्यों शीतल मरुभूमि में,
प्रचंड धूप है बरस रही।
गौरव से गर्विलों की क्यों,
आखों में अग्नि दहक रही
आज हाय फिर खिलजी की,
नजर पड़ी मरुभूमि पर,
आज कहो क्यों भीड़ खड़ी है,
हर गलियों और चौराहों पर।
उबल रहा है रक्त सभी का,
मान की कसमें भी उठाई हैं
पर यों तो ना अपमान करो ,
वो बेटी भी नहीं पराई है।
संवाद से हो हर कार्य कुशल,
बेहतर हमसे ये जाने कौन,
झुका पेड़ ही फल पाता ये,
गांधी भी कहते रह मौन।
जौहर का व्रत भी याद हमें
मीरा के पद भी ना भूले,
फिर क्यों मेरे भ्राता बोलो
क्या मर्यादा अपनी यूँ भूलें।
धोरों की धरती की महिमा,
ना भूलेगा कभी ये हिंदुस्तान,
माणक-मुकुट चित्तौड़ हमेशा
बढ़ाता रहेगा इसकी शान।
#सुनीता बिश्नोलिया
aaha life set hai
जवाब देंहटाएंThan
हटाएंThanks dishant
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