# हाइकु---श्रृंगार
(सृष्टि से श्रृंगार)
सृष्टि-श्रृंगार
यौवन की गागर
डूबी सागर
चन्दन टीका
उबटन पुष्पों से
माणक माला
सूर्य सी आभा
गौरी के मुख पर
बिंदिया-तारे
घटा-काजल
अनुराग-अंचल
दामिनी-गोटा
मोती-मुद्रिका
पुष्प गुम्फित-केश
लताएँ-साड़ी
साँस-संवाद
अम्बर-चुनरिया
मेरा-श्रृंगार
अधर-लाल
सुर्ख-मुखमंडल
नवल-चन्द्रिका
बिन नथ के
अधूरा है श्रृंगार
सुहाग-चिन्ह
गजरा-फूल
नुपुर-खनकते
पाँव-पैंजनी
नाजुक-कटि
करधनी-सुहाए
बिछिया-गेंदा
सौलह हैं श्रृंगार
सजन तेरा प्यार
हर जन्म में।
#सुनीता बिश्नोलिया
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