#चौपाई
ये अपनी भारत माता है,
बैरी क्यों घात लगाता है।
छोड़ो आपस की तकरारें
मात भारती हमें पुकारे।
बेबस और लाचार हुई माँ,
तन पर गहरे घाव सहे माँ।
रक्त भाल पे आज लगाएँ,
आओ माँ को शीश चढ़ाएँ।।
#सुनीता बिश्नोलिया
#जयपुर
साहित्य और साहित्यकार किस्से -कहानी, कविताओं का संसार Sunita Bishnolia
#चौपाई
ये अपनी भारत माता है,
बैरी क्यों घात लगाता है।
छोड़ो आपस की तकरारें
मात भारती हमें पुकारे।
बेबस और लाचार हुई माँ,
तन पर गहरे घाव सहे माँ।
रक्त भाल पे आज लगाएँ,
आओ माँ को शीश चढ़ाएँ।।
#सुनीता बिश्नोलिया
#जयपुर
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